EPFO: हम सभी जानते हैं कि नौकरीपेशा लोगों के लिए EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की भूमिका कितनी अहम होती है। यह संस्था कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने में मदद करती है, और इसी व्यवस्था का एक जरूरी हिस्सा होता है UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर। लेकिन अब EPFO ने इस प्रक्रिया में एक नया बदलाव किया है, जो सीधे-सीधे हर नए कर्मचारी से जुड़ा है। अगर आप नई नौकरी जॉइन कर रहे हैं या EPF खाता खुलवाने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
क्या है EPFO का नया नियम और इसका मतलब क्या है

EPFO ने अब यह अनिवार्य कर दिया है कि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) सिर्फ आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन (Face Authentication) के माध्यम से ही जनरेट होगा। यानी अब पहले की तरह केवल आधार नंबर या OTP के सहारे UAN नहीं बनाया जा सकेगा। इसके बजाय, व्यक्ति को कैमरा फेसिंग डिवाइस या मोबाइल कैमरे से अपना फेस स्कैन कराना होगा, जिससे आधार डाटा से उसका चेहरा मैच हो सके।
इसका सीधा मतलब यह है कि अब EPFO की ओर से एक और लेयर सुरक्षा की जोड़ी गई है, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। साथ ही, कर्मचारियों की पहचान भी और ज्यादा पक्की हो जाएगी, जिससे प्रोसेस में पारदर्शिता आएगी।
क्यों जरूरी है फेस ऑथेंटिकेशन
EPFO के मुताबिक, इस नए नियम से कर्मचारियों के डाटा की सुरक्षा बढ़ेगी और साथ ही किसी और के आधार का दुरुपयोग कर फर्जी UAN बनाने जैसे मामलों पर भी रोक लगेगी। आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन, UIDAI द्वारा उपलब्ध कराया गया एक सुरक्षित और बायोमेट्रिक-आधारित तरीका है जो व्यक्ति की असल पहचान को कन्फर्म करता है। यह बदलाव न सिर्फ तकनीकी रूप से बड़ा है बल्कि यह कर्मचारियों के हित में भी है, क्योंकि इससे उनकी डिजिटल पहचान और मज़बूत होगी।
यह बदलाव किसे करेगा प्रभावित
अगर आप पहली बार EPF में पंजीकरण करवा रहे हैं यानी आपका पहला UAN बन रहा है, तो यह नियम आपके लिए है। पुराने UAN धारकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन भविष्य में किसी नए कर्मचारी को जब भी EPFO में रजिस्टर किया जाएगा, तो फेस ऑथेंटिकेशन अनिवार्य रहेगा।
EPFO का यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान को भी आगे बढ़ाता है और आधार को एक सेंट्रल आईडेंटिटी के रूप में स्थापित करता है।
नया अनुभव, नई सुरक्षा और नई उम्मीदें

आज जब हर चीज़ डिजिटल हो चुकी है, तब UAN को फेस ऑथेंटिकेशन से जोड़ना एक आधुनिक और ज़िम्मेदार फैसला है। इससे न केवल धोखाधड़ी रुक सकेगी, बल्कि कर्मचारी के जीवनभर के PF खातों को एकजुट करने की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी। अब कर्मचारी को अलग-अलग कंपनियों में बार-बार डॉक्युमेंट देने या वैरिफिकेशन के लिए दौड़ने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। एक बार सही तरीके से फेस ऑथेंटिकेशन हो जाने पर पूरा सिस्टम ऑटोमैटिकली अपडेट होता रहेगा।[Related-Posts]
EPFO का यह नया नियम थोड़ा अलग ज़रूर है, लेकिन इसके फायदे बड़े हैं। यह बदलाव भविष्य में कर्मचारी की पहचान, डेटा सुरक्षा और सुविधा को एक नई दिशा देगा। इसलिए अगर आप जल्द ही जॉब शुरू करने वाले हैं या नया PF खाता खुलवाना चाहते हैं, तो अपने आधार और फेस ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया को समय रहते पूरा कर लें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी सूत्रों और सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध डाटा पर आधारित है। नियमों में समय के अनुसार बदलाव संभव हैं, अतः नवीनतम जानकारी के लिए EPFO की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी EPFO कार्यालय से संपर्क अवश्य करें।
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