Central Government: जीवन में कई बार चुनौतियां हमारे हौसले को परखती हैं, और जब सरकार ऐसे समय पर संवेदनशील निर्णय लेती है, तो यह न केवल आर्थिक सहारा देता है बल्कि मनोबल को भी कई गुना बढ़ा देता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कुछ विशेष श्रेणी के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, जो उनके दैनिक जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ समाज में उनके योगदान को और मजबूत करेगा।
सातवें वेतन आयोग के तहत ऐतिहासिक फैसला

सरकार ने सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत दिव्यांगता की कुछ श्रेणियों में आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों का परिवहन भत्ता दोगुना कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में सभी मंत्रालयों और विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इस नियम को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। यह कदम दिव्यांग कर्मचारियों की रोजमर्रा की मुश्किलों को कम करने और उन्हें अधिक सुविधा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
किन-किन श्रेणियों को मिलेगा लाभ
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत आने वाले कई कर्मचारी इस लाभ के पात्र होंगे। इसमें गतिशीलता विकलांगता जैसे कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोग, सेरिब्रल पैरालिसिस, बौनापन, पेशी दुर्बलता, एसिड अटैक पीड़ित, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी विकृतियां और चोटें शामिल हैं। इसके साथ ही नेत्रहीन या दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित, भाषण संबंधी कठिनाई, लर्निंग डिसऑर्डर, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम, मानसिक रोग, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस डिजीज और लंबे समय से चले आ रहे न्यूरोलॉजिकल रोग से पीड़ित लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
रक्त संबंधी विकलांगताओं को भी मिलेगा सहारा
सरकार ने इस दायरे को और विस्तृत करते हुए हीमोफीलिया, थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग जैसी रक्त संबंधी विकलांगताओं से जूझ रहे कर्मचारियों को भी शामिल किया है। इतना ही नहीं, जो लोग एक से अधिक विकलांगताओं के शिकार हैं, जैसे बधिरता और अंधापन दोनों से ग्रसित, उन्हें भी यह सुविधा दी जाएगी। यह पहल साफ दर्शाती है कि सरकार किसी भी दिव्यांग को सहायता से वंचित नहीं रखना चाहती।
आर्थिक राहत के साथ सामाजिक सशक्तिकरण

दिव्यांग कर्मचारियों के लिए यात्रा करना कई बार आर्थिक और शारीरिक रूप से कठिन हो जाता है। ऐसे में परिवहन भत्ता दोगुना करना न केवल उन्हें आर्थिक राहत देगा बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा। यह कदम उन्हें समाज में और कार्यस्थल पर समान अवसर देने की दिशा में एक मजबूत कदम है। साथ ही यह नीति आने वाले समय में दिव्यांगजनों के लिए और सुविधाएं बढ़ाने का मार्ग भी प्रशस्त कर सकती है।
केंद्र सरकार का यह फैसला न केवल वित्तीय मदद है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि दिव्यांगजन हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए। यह कदम उनकी जिंदगी में नई ऊर्जा, प्रेरणा और खुशियां लाने वाला है।[Related-Posts]
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी स्रोतों पर आधारित है। किसी भी योजना या सुविधा का लाभ उठाने से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक पोर्टल से विवरण की पुष्टि जरूर करें।
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