land registration के लिए जरूरी दस्तावेज: अब बिना इन कागजात के नहीं होगी रजिस्ट्री

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land registration: जमीन हमारी सबसे बड़ी संपत्ति होती है। घर बनाने से लेकर भविष्य की सुरक्षा तक, हर किसी के लिए जमीन का मालिकाना हक बेहद अहम होता है। लेकिन कई बार रजिस्ट्री प्रक्रिया में छोटे-छोटे दस्तावेजों की कमी बड़ी समस्या बन जाती है। ऐसे हालात में सरकार ने अब जमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री को और पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत कुछ दस्तावेज अनिवार्य कर दिए गए हैं जिन्हें जमा किए बिना रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी ही नहीं होगी।

आधार कार्ड और पैन कार्ड अनिवार्य

अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड दोनों देना जरूरी है। आधार कार्ड से आपकी पहचान की पुष्टि होती है, जबकि पैन कार्ड से आपके वित्तीय लेन-देन और आयकर संबंधी जानकारी दर्ज होती है। यह नियम खासतौर पर काले धन पर रोक लगाने और पारदर्शिता लाने के लिए लागू किया गया है।

खसरा और खतौनी दस्तावेज

जमीन का असली मालिक कौन है और उसकी सीमा कहां तक है, यह जानने के लिए खसरा और खतौनी दस्तावेज जरूरी हैं। इनकी कॉपी रजिस्ट्री के साथ लगानी अनिवार्य कर दी गई है। इनके बिना यह साबित करना मुश्किल होगा कि जमीन वास्तव में किसकी है।

निवास प्रमाण पत्र

रजिस्ट्री प्रक्रिया में खरीदार और विक्रेता दोनों को अपना निवास प्रमाण पत्र देना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पहचान असली है और दस्तावेज सही व्यक्ति के हैं। निवास प्रमाण के तौर पर बिजली बिल, राशन कार्ड या कोई अन्य सरकारी दस्तावेज इस्तेमाल किया जा सकता है।

पासपोर्ट साइज फोटो

अब खरीदार और विक्रेता दोनों की पासपोर्ट साइज फोटो भी रजिस्ट्री फाइल का हिस्सा होगी। यह न सिर्फ पहचान का सबूत बनेगी बल्कि भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में कानूनी सहारा भी देगी। यह फोटो डिजिटल रिकॉर्ड में भी सुरक्षित रखी जाएगी।

बैंक पासबुक और वित्तीय विवरण

नई व्यवस्था में जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंक पासबुक की कॉपी और वित्तीय विवरण जमा करना अनिवार्य है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि रकम कहां से आई और भुगतान सही तरीके से हुआ। इससे फर्जी लेन-देन और धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।[Related-Posts]

आवेदन की प्रक्रिया

जमीन रजिस्ट्री के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन में राज्य सरकार के भूमि रजिस्ट्री पोर्टल पर सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। वहीं, ऑफलाइन आवेदन तहसील या रजिस्ट्री कार्यालय जाकर किया जा सकता है। आवेदन करते समय सभी दस्तावेजों की मूल कॉपी और फोटोकॉपी साथ रखना जरूरी है।

नई व्यवस्था से फायदा

सरकार के इस कदम से जमीन की खरीद-बिक्री प्रक्रिया और भी सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी। खरीदार को यह भरोसा रहेगा कि उसकी संपत्ति कानूनी रूप से सुरक्षित है। वहीं विक्रेता को भी लेन-देन पूरा होने के बाद किसी तरह के विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस व्यवस्था से जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की संभावना काफी कम हो जाएगी।

जमीन की रजिस्ट्री अब पहले से ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित हो गई है। अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो इन दस्तावेजों को समय से तैयार कर लें। यह छोटे-छोटे कागजात ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति को कानूनी सुरक्षा देते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। अलग-अलग राज्यों के नियमों में बदलाव हो सकता है, इसलिए सही और सटीक जानकारी के लिए अपने राज्य के राजस्व विभाग या रजिस्ट्री कार्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अवश्य जाएं।

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